पूरे देश में एक तरह का राशन कार्ड होगाः मोदी

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब कल्याण अन्न योजना को जारी रखने का वायदा करते हुए कहा कि अब पूरे भारत के लिए एक  राशन-कार्ड की व्यवस्था भी हो रही है। यानि  एक राष्ट्र,  एक राशन कार्ड। इसका सबसे बड़ा लाभ उन गरीब साथियों को मिलेगा, जो रोजगार या दूसरी आवश्यकताओं के लिए अपना गाँव छोड़कर के कहीं और जाते हैं, किसी और राज्य में जाते हैं।

There will be one kind of ration card in whole country: Modi

प्रधानमंत्री ने अनलॉक 2.0 से पहले राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज गरीब को,  जरूरतमंद को,  सरकार अगर मुफ्त अनाज दे पा रही है तो इसका श्रेय दो वर्गों को जाता है। पहला, हमारे देश के मेहनती किसान, हमारे अन्नदाता। और दूसरा, हमारे देश के ईमानदार टैक्सपेयर। आपका परिश्रम, आपका समर्पण ही है, जिसकी वजह से देश ये मदद कर पा रहा है। आपने देश का अन्न भंडार भरा है, इसलिए आज गरीब का, श्रमिक का चूल्हा जल रहा है।  आपने ईमानदारी से टैक्स भरा है, अपना दायित्व निभाया है, इसलिए आज देश का गरीब, इतने बड़े संकट से मुकाबला कर पा रहा है। मैं आज हर गरीब के साथ ही,  देश के हर किसान,  हर टैक्सपेयर का हृदय से बहुत बहुत अभिनंदन करता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ते हुए अब हम अनलॉक 2.0 में प्रवेश कर रहे हैं। और हम उस मौसम में भी प्रवेश कर रहे हैं, जहां सर्दी-जुखाम, खांसी-बुखार ये सारे न जाने क्या-क्या होता है, के मामले बढ़ जाते हैं। ऐसे में, मेरी आप सभी देशवासियों से प्रार्थना है कि ऐसे समय में अपना ध्यान रखिए।

पीएम मोदी ने कहाकि ये बात सही है कि अगर कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को देखें, तो दुनिया के अनेक देशों की तुलना में भारत संभली हुई स्थिति में है। समय पर किए गए लॉकडाउन और अन्य फैसलों ने भारत में लाखों लोगों का जीवन बचाया है। लेकिन हम ये भी देख रहे हैं कि जब से देश में अनलॉक 1.0 हुआ है, व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में लापरवाही भी बढती ही चली जा रही है। पहले हम मास्क को लेकर, दो गज की दूरी को लेकर, 20 सेकेंड तक दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे। लेकिन आज, जब हमें ज्यादा सतर्कता की जरूरत है, तो लापरवाही बढ़ना, चिंता का कारण है।

 

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान बहुत गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था। अब सरकारों को, स्थानीय निकाय की संस्थाओं को, देश के नागरिकों को, फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है।  विशेषकर कन्टेनमेंट जोंस पर हमें बहुत ध्यान देना होगा। जो भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे, हमें उन्हें टोकना होगा, रोकना होगा और समझाना भी होगा। अभी आपने खबरों में देखा होगा, एक देश के प्रधानमंत्री पर 13 हजार रुपए का जुर्माना इसलिए लग गया, क्योंकि वो सार्वजनिक जगह पर बिना मास्क पहने गए थे। भारत में भी स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती से काम करना चाहिए। ये 130 करोड़ देशवासियों के जीवन की रक्षा करने का अभियान है। भारत में गांव का प्रधान हो या  देश का प्रधानमंत्री, कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान देश की सर्वोच्च प्राथमिकता रही,  कि ऐसी स्थिति न आए कि किसी गरीब के घर में चूल्हा न जले। केंद्र सरकार हो, राज्य सरकारें हों, सिविल सोसायटी के लोग हों, सभी ने पूरा प्रयास किया कि इतने बड़े देश में हमारा कोई गरीब भाई-बहन भूखा न सोए। देश हो या व्यक्ति, समय पर फैसले लेने से, संवेदनशीलता से फैसले लेने से, किसी भी संकट का मुकाबला करने की शक्ति बढ़ जाती है।  इसलिए, लॉकडाउन होते ही सरकार, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लेकर आई। इस योजना के तहत गरीबों के लिए पौने दो लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया।

उन्होंने कहा कि बीते तीन महीनों में 20 करोड़ गरीब परिवारों के जनधन खातों में सीधे 31 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं। इस दौरान 9 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपए जमा हुए हैं। इसके साथ ही, गांवों में श्रमिकों को रोजगार देने के लिए, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान तेज गति से आरम्भ कर दिया गया है।  इस पर सरकार  50 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है।

 

उन्होंने कहा कि एक और बड़ी बात है जिसने दुनिया को भी हैरान किया है, आश्चर्य में डुबो दिया है। वो ये कि कोरोना से लड़ते हुए भारत में, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 3 महीने का राशन, यानि परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया गया। इसके अतिरिक्त प्रति परिवार हर महीने एक किलो दाल भी मुफ्त दी गई। यानि एक तरह से देखें तो,   अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना अधिक लोगों को,  ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना अधिक लोगों को,  और  यूरोपियन यूनियन की आबादी से लगभग दोगुने से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार ने मुफ्त अनाज दिया है।

उन्होंने कहा कि आज मैं इसी से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घोषणा करने जा रहा हूं। हमारे यहां वर्षा ऋतु के दौरान और उसके बाद मुख्य तौर पर एग्रीकल्चर सेक्टर में ही ज्यादा काम होता है। अन्य दूसरे सेक्टरों में थोड़ी सुस्ती रहती है। जुलाई से धीरे-धीरे त्योहारों का भी माहौल बनने लगता है। अभी 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है, फिर सावन शुरू हो रहा है। फिर 15 अगस्त आएगी, रक्षाबंधन आएगा, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आएगी, गणेश चतुर्थी आएगी, ओणम होगा। और आगे जाएं तो काटी बीहू है, नवरात्रि है,   दुर्गापूजा है, दशहरा है, दीपावली है, छठी मइया की पूजा है। त्योहारों का ये समय, जरूरतें भी बढ़ाता है, खर्चे भी बढ़ाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक, यानि नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए। यानि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली ये योजना, अब जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में भी लागू रहेगी। सरकार द्वारा इन 5 महीनों के लिए, 80 करोड़ से ज्यादा गरीब भाई-बहनों को हर महीने, परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त मुहैया कराया जाएगा। साथ ही प्रत्येक परिवार को हर महीने एक किलो चना भी मुफ्त दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण अन्न योजना के इस विस्तार में  90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे। अगर इसमें पिछले तीन महीने का खर्च भी जोड़ दें, तो ये करीब-करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए हो जाता है।  अब पूरे भारत के लिए हमने एक सपना देखा है। कई राज्यों ने तो बहुत अच्छा काम भी किया है। बाकी राज्यों से भी हम आग्रह कर रहे हैं कि इस काम को आगे बढ़ाएं, काम क्या है? अब पूरे भारत के लिए एक  राशन-कार्ड की व्यवस्था भी हो रही है। यानि एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड।  इसका सबसे बड़ा लाभ उन गरीब साथियों को मिलेगा, जो रोजगार या दूसरी आवश्यकताओं के लिए अपना गाँव छोड़कर के कहीं और जाते हैं किसी और राज्य में जाते हैं।

 

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